टेंशन और डिप्रेशन दूर करने के उपाय | Ways to relieve stress and depression
जैसे – जैसे हम विकास कि अंधी दौड़ में आगे बढ़ रहे हैं, टेंशन और डिप्रेशन हमारी जिंदगी पर हावी होता जा रहा है, आज दुनिया में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसके जीवन में तनाव ना हो हर कोई किसी न किसी टेंशन में जी रहा किसी को नौकरी की टेंशन है किसी को बिजनेस की टेंशन है, अगर कोई विधार्थी है तो उसे अपनी पढ़ाई की टेंशन है. टेंशन एक सीमा तक सही है लेकिन उसके बाद यह एक बीमारी बन जाती है और हमारे जीवन के लिए खतरनाक भी साबित हो सकती है। जिस व्यक्ति को हमेशा तनाव रहता है उसको इलाज के लिए किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
कई बार भय के कारण टेंशन हो जाती है और अगर यह लगातार बनी रही तो एक बीमारी का रूप ले लेती है जिसके कारण व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है. ऐसे में सेहतमंद व्यक्ति भी बीमार होकर रोग ग्रस्त हो जाता है और कई बार आत्महत्या तक की सोचने लगता है।
टेंशन या तनाव क्या है?
टेंशन या डिप्रेशन एक मानसिक विकार है, किसी भी एक नकारात्मक विचार के दिमाग पर हावी हो जाने के बाद हमारी मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ता है। हमारा मस्तिष्क सही से कार्य करने और किसी भी खुशी के मौके पर प्रसन्न होने में अक्षम हो जाता है यही स्थिति टेंशन या तनाव कही जा सकती है।
आज के भागदौड़ की जिंदगी में इंसान की कई इच्छाएं होती है जो अगर पूरी ना हो पाए तो व्यक्ति तनाव में रहने लगता है और लगातार तनाव की स्थिति के बाद डिप्रेशन में चला जाता है जिस कारण से कई बीमारियाँ जैसे थाइरॉयड, हाई ब्लड प्रेशर आदि इंसान को घेर लेती है।
तनाव के लक्षण
सर में दर्द
दांत और जबड़े पीसना
शरीर में थरथराहट होना
उदास रहना
किसी काम में दिल ना लगना
ज्यादा सोना या कम सोना
ज्यादा खाना या कम खाना
किसी बात पर ध्यान ना देना
अपने को दूसरों से कम समझना
अपने ऊपर भरोसा कम करना
छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ जाना
खुद को बेकार समझना
मायूस होना
मौत या खुदकशी के ख्याल आना
नींद बहुत आना या कम आना
खुश होने वाली बात पर गुस्सा आना
कम बोलना
किसी बात पर गौर ना करना
अगर आप में भी उपरोक्त लक्षण हैं तो सावधान हो जाए और अपने खान – पान और जीवनशैली में तुरंत बदलाव करें।
तनाव के कारण और निदान
पर्याप्त नींद लें

टेंशन की वैसे तो कई वजह हैं लेकिन उनमें से प्रमुख वजह है पर्याप्त नींद का ना होना अगर व्यक्ति लगातार टेंशन में होता है तो ढंग से सो नहीं पाता जिसकी वजह से शरीर की कई क्रियाएं बाधित हो जाती है, शरीर का जैविक क्लॉक डिस्टर्ब हो जाता है और यहीं से सारी प्रॉब्लम्स कि शुरुआत होती है।
जब भी नींद आये तो हमें सो जाना चाहिए, सही समय पे सोने और जागने से हम कई बीमारियों से बचे रहते हैं। अब सवाल यह है कि नींद का बीमारी से क्या सम्बन्ध है, तो सम्बन्ध बहुत ही गहरा है जब हम सो जाते है तो हमारा शरीर ऑटो रिपेयर मोड में चला जाता है मतलब की यह शरीर के हर एक कोशिका की मरम्मत और रीजेनरेशन का काम करता है सरल भाषा में कहें तो शरीर खुद की मरम्मत करता है और शरीर से सारे विषैले तत्वों को बाहर निकलता है।
जब हम अपने सामान्य नींद की प्रक्रिया को बाधित करते है और सोने के समय पे जागते रहते है तो शरीर के सारे नार्मल फंक्शन्स डिस्टर्ब हो जाते है शरीर की मरम्मत नहीं हो पाती है विषैले तत्त्व शरीर में ही पड़े रहते हैं, जब हम जागते रहते है तो शरीर की ऊर्जा दूसरे कामों लग कर ख़तम हो जाती है और शरीर के कोशिकाओं की मरम्मत नहीं हो पाती और अगर हम ऐसा लम्बे समय तक करना जारी रखते है तो हम समय से पहले बूढ़े होने लगते हैं।
आज की अत्यंत व्यस्त जीवनशैली में काम का बोझ इतना ज्यादा होता है की हमें अपना काम पूरा करने के लिए देर रात तक जागना ही पड़ता है, अगर काम पूरा न हो तो समस्या और देर रात को सोने जाए तो समस्या, इसका समाधान क्या है? हमें स्वस्थ रहने के लिए सोने, खाने और व्यायाम के कुछ नियमों को पालन करना होगा, जिसका पालन यदि हम करते है तो मरते दम तक स्वस्थ रहेंगे।
रात को जल्द सो जाएं, हमें लगभग 10 बजे तक सो ही जाना चाहिए और सुबह जितनी जल्दी हो उठें आप 3 या 4 बजे सुबह उठ सकते हैं। सुबह उठते ही भरपेट गुनगुना पानी पियें और नित्य कर्मों से निवृत हो कर अपने बाकी काम पुरे करें, भरपेट गुनगुना पानी पिने से आपका पेट अच्छी तरह साफ़ होगा और आप पुरे दिन ख़ुश और ऊर्जा से भरे रहेंगे और आपका हर काम में मन लगेगा। एक घंटे बाद कुछ फल या एक प्लेट सलाद खाए उसके बाद ही कोई अन्य चीज़ या चाय – कॉफ़ी ले। सुबह जल्दी उठने के अनगिनत स्वास्थ लाभ हैं।
योग, ध्यान और प्राणायाम करें

सुबह उठ कर कुछ आसान से प्राणायाम, मुद्रा और आसनों का अभ्यास करें जो की आपका स्वास्थ्य दिनों दिन अच्छा बना देगा। शुरुआत में एक ही प्राणायाम, मुद्रा और आसान का अभ्यास करें, ज्यादा से ज्यादा 10 से 15 मिनट तक का अभ्यास करें। फिर धीरे-धीरे अपने समय को बढ़ाएं और आधे घंटे या 45 मिनट तक लेकर जाए ऐसा करने के लिए 1 से 2 महीना का समय ले अचानक से समय अवधी ना बढ़ाएं। अपने योगाभ्यास के समय को तीन हिस्सों में बांटे, 15 मिनट प्राणायाम, 15 मिनट मुद्रा और 15 मिनट आसनों का अभ्यास करें।
प्राणायाम की शुरुआत कपालभाति प्राणायाम से करें। शुरुआत में केवल 5 मिनट का ही अभ्यास करें। धीरे-धीरे सप्ताह में एक-दो मिनट करके समय को बढ़ाएं। मुद्रा में ध्यान मुद्रा का ही अभ्यास करें इसे भी मात्र 5 मिनट तक ही करना है।आसनों के अभ्यास में सूर्य नमस्कार को शामिल करेंऔरइसमें भी धीरे-धीरे आगे पड़ेजल्दी बाजी और हड़बड़ी न करेंअन्यथा नुकसान हो सकता है ध्यान रखें योगाभ्यास और प्राणायाम सुबह खाली पेट ही करना है पानी तक भी नहीं पीना है अन्यथा उल्टी हो सकती हैया पेट में दर्द हो सकता है।
अध्यात्म से जुड़ें

टेंशन या तनाव से दूर रहने का सबसे आसान तरीका है अपनी दिनचर्या में ध्यान को शामिल करना। ध्यान करने से हमें अनेकों फायदे हैं ध्यान करने से हमारा मन बिल्कुल शांत हो जाता है, हम इधर-उधर के बेकार के भटकाव में नहीं पड़ते। हमें अपने काम में मन लगता है हमारी यादाश्त बढ़ जाती है। हम चीजों को आसानी से और लंबे समय तक याद रख सकते हैं। ध्यान करने से हम अपने लक्ष्य पर ही केंद्रित रहते हैं हमारा मन इधर-उधर बेकार में नहीं भटकता है। धीरे-धीरे हम ध्यान के अभ्यास सेअपने मन – मस्तिष्क में एक नई ऊर्जा का एहसास करते हैं, हमारा चीजों को देखने का नजरिया बदल जाता है, हम चीजों को ध्यान से देखते हैं, हमें चीजों को ऑब्जर्व करने की क्षमता बढ़ जाती है. चीजों को हम काफी पैन पॉइंट होकर देखते हैंजो कि हम साधारण अवस्था में नहीं देखते।
ध्यान में हम ज्यों – ज्यों आगे बढ़ते हैं हम इस दुनिया की वास्तविकता से अवगत होने लगते हैं और वह भी देख सकते हैं जो साधारणत: अन्य मनुष्यों को दिखाई नहीं देता । ध्यान करने वाले लोगों का मन मस्तिष्क इतना मजबूत हो जाता है कि उन पर तनाव आदि का कोई असर नहीं होता। वह लोग हर एक परिस्थिति में जीना और परिस्थितियों से लड़ना सीख जाते हैं।
बाहर घूमने जरूर जाए

हमें सिर्फ पैसे कमाने के पीछे ही नहीं भागना चाहिए, बल्कि समय मिले तो कहीं घूमने निकल जाए कोई जरूरी नहीं की फॉरेन ट्रिप ही जाना है बल्कि आपके आसपास ही ढूंढने पर बहुत सारी घूमने की जगह आपको आसानी से मिल जाएगी। जो आपको रिलैक्स करेगीं।
घूमने – फिरने से हम तनाव से दूर होते हैं और हमें एक नई ऊर्जा का एहसास होता है हमारे जीवन शैली में बदलाव होता है और नई जगह जाने से हम कुछ समय के लिए अपने रोजमर्रा के तनाव को आसानी से भूल जाते हैं।
सोशल नेटवर्क बनाएं

आजकल के व्यस्त जीवन शैली में हमारा सामाजिक परिवेश बिल्कुल बदल गया है हम अपने दोस्तों और सगे संबंधियों से बिल्कुल कट गए हैं, हमें अपने खाली समय में अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से जरूर मिलने जाना चाहिए संभव हो तो उनके साथ कुछ समय जरूर बताएं, इससे आपका अकेलापन दूर होगा। अगर आप तनाव या डिप्रेशन में रहते हैं तो यथासंभव अकेले ना रहे।
वक़्त मिलने पर स्किल्स को निखारें और अपनी हॉबी पे काम करें

अपने खाली समय में हमें अपने स्किल को निखारने पर ध्यान देना चाहिए जिससे कि हम अपने काम में और भी ज्यादा दक्ष हो जाएंगे। हमें अपने करियर से जुड़े स्किल्स को ज्यादा से ज्यादा अभ्यास करना चाहिए जिससे कि हमारे काम करने की स्पीड बढ़ जाती है और क्वालिटी भी इंप्रूव होती है।
हमें अपने हॉबीज पर भी ध्यान देना चाहिए और अपने खाली समय में इसे जरूर पूरा करना चाहिए। आप अपने हॉबीज को तो पूरा कर ही सकते हैं साथ में इसे मोनेटाइज करके एक्स्ट्रा इनकम सोर्स भी जनरेट कर सकते हैं, जैसे आपकी हॉबी यदि फोटोग्राफी है तो अपने द्वारा खींचे गए अच्छे फोटोग्राफ्स को ऑनलाइन सेल करके आप काफी अच्छे पैसे कमा सकते हैं।
अच्छा और सात्विक भोजन करें

हमें हमेशा सात्विक भोजन ही करना चाहिए क्योंकि सात्विक भोजन आसानी से पच जाता है और हमारा पेट और स्वास्थ्य दोनों ही अच्छे रहते हैं। अगर हमारा पेट ठीक है तो स्वास्थ्य भी अच्छा ही होगा। वेजीटेरियन फूड खाने से हमारा कोलेस्ट्रॉल शुगर आदि सभी नियंत्रित होते हैं और शरीर पर बीमारियों का प्रभाव नहीं पड़ता।
समस्या को लेकर रोते न बैठें बल्कि समाधान पे काम करें
अगर हमारे जीवन में कोई समस्या आ गई है तो उस पर रो रहने की बजे उसे समस्या का समाधान ढूंढने में लग जाना चाहिए चुपचाप बैठने से कुछ नहीं होने वाला। इस दुनिया में हर एक इंसान के पास अपनी समस्याएं हैं जिसका निदान उसे स्वयं ही ढूंढना पड़ता है।
ज़रूरत पड़ने पे मदद माँगे
समस्याएं मानव जीवन का एक अभिन्न अंग है जब तक जीवन है समस्याएं तो आती रहेगी, हमें अपनी समस्याओं से लड़ते रहना है और जीवन में आगे बढ़ते रहना है परंतु हमारे जीवन में कभी-कभी कुछ ऐसी समस्याएं भी आ जाती हैं जिसका हाल हम स्वयं से नहीं निकाल सकते उसके लिए हमें दूसरों से मदद लेनी पड़ती है समय आने पर हमें दूसरों से मदद लेने में संकोच नहीं करना चाहिए क्योंकि हमें किसी भी हाल में उसे समस्या से बाहर निकलना होता है।
FAQs
टेंशन दूर करने के लिए क्या खाना चाहिए?
टेंशन दूर करने के लिए हमें सात्विक और शाकाहारी खाना ही खाना चाहिए अगर संभव हो तो फल सलाद आदि का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें अपने खाने में जूस और ड्राई फ्रूट्स को भी जगह दे आपका खाना ऐसा हो जो ना की केवल आपका पेट भरे बल्कि आपके शरीर और दिमाग को अच्छी तरह पोषण दें आपको अपने खाने में फाइबर प्रोटीन आदि को भी शामिल करना चाहिए लेकिन केवल प्राकृतिक रूप से ना की दवा के रूप में। क्योकि सात्विक भोजन स्वस्थ दिमाग़।
दिमाग को टेंशन फ्री कैसे रखें?
दिमाग को फ्री रखने के लिए अपने काम के साथ-साथ रिलैक्स करें और जिंदगी को इंजॉय करें अपने पसंद की चीज करें घूमे फिरे और आपको जो पसंद हो वह सारी चीज करें। दिमाग को टेंशन फ्री रखने का सबसे अच्छा तरीका है अच्छी नींद लेना, अच्छा खाना खाना और संभव हो तो योग और ध्यान जरूर करें। या आपके दिमाग को तंदुरुस्त और टेंशन फ्री रखेगा हमेशा। जिनका काम फील्ड वर्क का नहीं है, जो केवल बैठ कर काम करते हैं वो आधे या एक घंटे फिजिकल एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग, रनिंग या साइकिलिंग आदि जरूर करें इससे आपका पसीना बहेगा और गहरी नींद आएगी और गहरी नींद अपने आप में एक दवा है जो हमारे शरीर को ठीक करती है।
ज्यादा चिंता होने पर क्या करें?
ज्यादा चिंता होने पर कोशिश करें की आपकी चिंता या टेंशन की वजह क्या है उसका समाधान ढूंढे या कुछ समय के लिए उससे लग रहे अपना ध्यान किसी और चीज पर लगे जैसे मूवीस देखें सीरियल देखें अगर खेल में रुचि है तो खेलों पर समय दें, कुल मिलाकर अपने दिमाग को अलग चीज पर फोकस करें।
घबराहट और डर क्यों लगता है?
घबराहट और डर सभी को लगता है, लेकिन उससे लड़ने का एक ही तरीका है अपने आप को शांत रखें और घबराने की बजाय समस्या से लड़ने का उपाय ढूंढे। जिनके मन ज्यादा अशांत होता है उनमें घबराहट और डर की समस्या ज्यादा होती है इस समस्या के समाधान के लिए सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले ध्यान अवश्य लगे एक दो सप्ताह में घबराहट और डर की समस्या कम होने लगेगी और जैसे-जैसे आपका ध्यान की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी वैसे-वैसे डर और घबराहट खत्म होने लगेगा।